इकोनॉमिक सर्वे 2020 (Economic Survey 2020) में वेज और नॉन-वेज थाली की घटती कीमतों का भी जिक्र किया गया है. सर्वे में बताया गया है कि 2015-16 के मुकाबले इस समय शाकाहारी थाली की कीमतें कम हुई हैं. हालांकि, दाल और सब्जियों के दाम बढ़ने से अप्रैल-अक्टूबर 2019 में इसके दाम में उछाल भी आया था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद में आर्थिक समीक्षा 2019-20 पेश किया. समीक्षा में कहा गया है कि अब औद्योगिक श्रमिकों की दैनिक आमदनी के मुकाबले खाने की थाली सस्ती हो गई है. समीक्षा पेश करते हुए सीतारामण ने कहा कि 2006-2007 की तुलना में 2019-20 में शाहाकारी भोजन की थाली 29 फीसदी और मांसाहारी भोजन की थाली 18 फीसदी सस्ती हुई हैं.
25 राज्यों के 80 केंद्रों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का किया इस्तेमाल
भारत में भोजन की थाली के अर्थशास्त्र (Thalinomics) के आधार पर की गई समीक्षा में पौष्टिक थाली के लगातार घटते दामों को लेकर यह निष्कर्ष निकाला गया है. इस अर्थशास्त्र के जरिये भारत में एक सामान्य व्यक्ति की ओर से एक थाली के लिए किए जाने वाले खर्च का आकलन करने की कोशिश की गई है. आम भारतीयों के लिए दैनिक आहार से संबंधित दिशा-निर्देशों की सहायता से थाली के मूल्य का आकलन किया गया है. इसके लिए अप्रैल 2006 से अक्टूबर 2019 तक 25 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के लगभग 80 केंद्रों से औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जुटाई गई कीमतों का इस्तेमाल किया गया है.